हमारे बारे में
राज्य के श्रम विभाग का मुख्य दायित्व विभिन्न अधिनियमों के माध्यम से श्रमिकों के शारीरिक एवं सामाजिक हितों का संरक्षण करना है। इसके आधार पर प्रदेश को एक सक्षम श्रम शक्ति प्राप्त होती है जो कि औद्योगिक विकास में अपना प्रभावी योगदान देती है। विभाग श्रमायुक्त संगठन के माध्यम से विभिन्न अधिनियमों का प्रवर्तन कर श्रमिकों की सेवाशर्तो का विनियमन करता है जिससे श्रमिकों के वेतन एवं कार्यदशाएं समुचित रहती हैं तथा औद्योगिक विवाद का निराकरण कर औद्योगिक शांति स्थापित करता है। इसके साथ ही औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाता है जिससे श्रमिक आकस्मिक दुर्घटनाओं के शिकार न हो, एवं उन्हें समुचित कार्यदशा कार्य करने के लिये उपलब्ध हो सके।
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