प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने भोजन पानी के कर रखे हैं प्रबंध
कोविड़-19 महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों और जिलों में फंसे मजदूर अपने-अपने गृह जिलों में वाहन एवं अन्य साधनों से वापस लौट रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने रेल्वे मंत्रालय के सहयोग एवं स्वयं के प्रयासों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन और सड़क मार्ग से श्रमिक स्पेशल बसों के माध्यम से अन्य प्रान्तों में फंसे मध्यप्रदेश के निवासी श्रमिकों, छात्र-छात्राओं एवं जरुरतमंद नागरिकों की सुरक्षित, सुविधाजनक वापसी के प्रयास किये हैं।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार एवं अन्य प्रान्तों के श्रमिक एवं नागरिक भी दिनरात वाहनों एवं विभिन्न परिवहन माध्यमों से कटनी जिले के पीरबाबा और चाका बायपास होकर राजमार्ग से अपने-अपने घरों को वापस हो रहे हैं। कटनी जिले के इस राजमार्ग से गुजरने वाले यात्रियों के लिये चाका बायपास और पीरबाबा बायपास पर जिला प्रशासन के साथ ही कई सामाजिक संगठनों द्वारा उनके ठहरने, भोजन, खाने-पीने के प्रबंध, आवश्यक सामग्रियों के वितरण और पैदल यात्रियों को गंतव्य तक वाहनों से पहुंचाने के इंतजाम किये हैं।
पीरबाबा बायपास और चाका बायपास पर स्थित ढ़ाबे में राजस्व विभाग और सामाजिक संगठनों द्वारा चौबीसों घंटे पका भोजन और बिस्कुट, ब्रेड, फलों की व्यवस्था की गई है। नगर निगम द्वारा पेयजल, प्रसाधन एवं सैनीटाईजेशन और साफ-सफाई तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्क्रीनिंग जांच की भी व्यवस्था है।
पीरबाबा बायपास में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कटनी द्वारा संकट में फंसे यात्रियों को आवागमन एवं उनके भोजन, पानी की व्यवस्था में सहयोग के लिये पांच दिवसीय वॉलिंटियर्स कैम्प भी लगाया गया है। जहां सड़क मार्ग से जाने वाले यात्रियों को फल, भोजन सामग्री, बिस्कुट के पैकेट्स और शीतल पेयजल की उपलब्धता की गई है।
मगलवार की प्रातः 11 बजे से दोपहर एक बजे तक का वक्त, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्टाल के पास 20-25 मजदूर पेड़ की छांव में बैठे हुये हैं। कटनी तक पैदल और अन्य साधनों से पहुंचे हैं। उन्हें मिर्जापुर तक जाना है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संजय कस्तवार उन्हें शिविर में बुलाकर उन्हें भोजन, पानी की व्यवस्था के साथ गंतव्य तक पहुंचाने वाहन की व्यवस्था भी करते हैं। इसी दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के शिविर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश कटनी की धर्मपत्नि श्रीमती ममता पालीवाल एवं अन्य न्यायाधीशगणों की धर्मपत्नियां अपने वाहन में फल, बिस्कुट एवं अन्य खाद्य सामग्री के कार्टून लेकर पहुंचती हैं। राजमार्ग से निकलने वाली बसों के यात्री एवं अन्य माध्यमों से आने वाले यात्रीगण आवश्यकता अनुसार सामग्री लेकर रवाना हो जाते हैं।
जिला विधिक सेवा के वॉलेन्टियर्स कैम्प में नंगे पाव यात्रियों के लिये चरण पादुका, जूते आदि भी रखे हुये हैं। जिन्हें आवश्यकता अनुसार यात्री पहनकर कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। शिविर में पेयजल के लिेय शीतल जल की टंकी भी रखी है और मास्क भी रखे गये हैं।
पीरबाबा बायपास पर गुजरात से आ रही बस कैम्प के सामने रुकती है। बस के सभी यात्री उतरकर भोजन सामग्री और फल लेकर बस में बैठ जाते हैं। तभी बस के ड्रायवर मोहम्मद शकील बताते हैं कि गुजरात के भिलाड़ से 25 श्रमिकों को लेकर यह बस सतना जा रही है। प्रशासन ने जो डीजल दिया था, वह खत्म हो गया है। बस के लिये चाका बायपास स्थित पेट्रोल पम्प से डीजल की व्यवस्था कराई जाती है। राजस्व विभाग द्वारा पीरबाबा में संचालित ढाबे से आकर पटवारी धर्मेन्द्र त्रिपाठी शिविर के पास बैठे मिर्जापुर जा रहे 20-25 श्रमिकों को बताते हैं कि ढाबे में भोजन तैयार है, भोजन करने के बाद ही गंतव्य के लिये प्रस्थान करें। पटवारी श्री त्रिपाठी ने बताया कि चाका बायपास और पीरबाबा बायपास से निकलने वाले यात्रियों को चौबीसों घंटे खाद्य सामग्री प्रदान करने की व्यवस्था संचालित की जा रही है। ढाबे में यात्रियों के लिये 24 घंटे पका हुआ भोजन निःशुल्क वितरित किया जाता है। इसके अलावा बिस्कुट, ब्रेड, फलों की व्यवस्था भी रहती है। पीरबाबा बायपास के पास चल रहे ढाबे में औसतन डेढ़ से दो क्विंटल आटे की रोटियां और रात्रि के समय पूडि़यां तैयार करने में खपत हो रही है। इसी समय जिला पंचायत के पूर्व सदस्य डॉ0 ए0के0 खान अपनी निजी वाहन में 4-5 बोरियों में खीरा ककड़ी लेकर पहुंचते हैं और वहां मौजूद यात्रियों को एक बोरी खीरा ककड़ी वितरित कर आगे बढ़ जाते हैं। घर वापसी कर रहे मजदूरों ने बताया कि जैसे तैसे अन्य राज्यों से किसी तरह अपने घरों को वापस निकले हैं। मंजिल अभी दूर है, परेशानी भी बहुत है। लेकिन जैसे ही मध्यप्रदेश राज्य की सीमा में प्रवेश किया तब से रास्ते भर में खाना, पानी और अन्य सामग्रियों की उपलब्धता में कोई कमी नहीं हुई है।
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